महिलाएं सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपने हक़ और भागीदारी के लिए लड़ रही हैं। अभी भी कई ऐसे संस्थान हैं, जहाँ महिलाएं शीर्ष पदों तक अपनी पहुँच नहीं बना सकी हैं। इन्हीं में से एक लंदन स्थित प्रतिष्ठित ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में पहली बार कोई महिला कुलपति बनेगी । प्रोफेसर लुइस रिचर्डसन को ऑक्सफोर्ड के अगले वाइस चांसलर के तौर पर नॉमिनेट किया गया है। लुइस इस समय यूनिवर्सिटी ऑफ एन्ड्रूज में बतौर प्रिसिंपल और कुलपति काम कर रही हैं।
ऑक्सफाेर्ड यूनिवर्सिटी के एक हजार साल से भी ज्यादा के इतिहास में प्रोफेसर लुइस रिचर्डसन 297वीं वाइस-चांसलर होंगी। मौजूदा समय में ऑक्सफोर्ड में 11 महिलाएं हेड ऑफ द हाउस हैं। यह पहली बार नहीं है कि उन्हें कोई एेतिहासिक जिम्मेदारी मिली है। 2009 में स्कॉटलैंड की सेंट एंड्रूज यूनिवर्सिटी में जब उन्हें वाइस चांसलर बनाया गया था। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली महिला थीं। यूनिवर्सिटी के 600 साल के इतिहास में एेसा पहली बार हुआ था। साथ ही यह पद पाने वाली वह पहली राेमन कैथोिलक भी थीं। सेंट एंड्रूज में उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनिवर्सिटी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की पहली महिला वाइस चांसलर बनी लुइस रिचर्डसन की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। 1958 में अायरलैंड के त्रामोर में जन्मी लुइस के माता-पिता कभी कॉलेज नहीं गए और न ही उनके छह भाई-बहनों में से किसी ने कॉलेज का मुंह देखा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि जीवन में जो भी कुछ हासिल किया शिक्षा के बल पर। इसलिए चाहती हूं कि सभी को यह मौका मिले। पढ़ाई के दौरान अपना खर्च उठाने के लिए उन्होंने सप्ताह में 6 दिन लाइब्रेरी में काम किया। हफ्ते में चार दिन वे कॉकटेल वेट्रेस के रूप में भी काम करती थीं। इस मेहनत से उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ डबलिन से इतिहात विषय में बीए किया और फिर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पॉलटिकल साइंस में एमए की डिग्री ली। इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। प्रोफेसर रिचर्डसन का अकैडमिक करियर शानदार रहा है। उन्होंने आतंक और सुरक्षा मुद्दों में विशेषज्ञता प्राप्त की है। रिचर्डसन ने अपने नॉमिनेशन के बारे में कहा, ऑक्सफोर्ड दुनिया की सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों में से एक है। मैं खुद को बहुत ही खुशनसीब समझती हूं कि मुझे इस संस्थान की जिम्मेदार संभालने का मौका मिला है। मैं दुनिया के टैलंटेड और डेडिकेटेड लोगों के साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं।
महिलाओं की भागीदारी को लेकर देखें तो ऑक्सफर्ड का पहला वूमेन कॉलेज 19वीं सदी में बना था और 1920 में महिलाएं यूनिवर्सिटी की फुल टाइम मेंबर बनी थीं। हिल्डा कॉलेज ऑक्सफोर्ड का आखिरी वुमन कॉलेज है। साल 2008 से सभी कॉलेजों में लड़के और लड़कियां साथ पढ़ते हैं।
गौरतलब है कि दुनिया की कई मशहूर हस्तियों और नेताओं ने अपनी पढ़ाई ऑक्सफोर्ड से की है। ब्रिटेन के 26 प्रधानमंत्रियों ने ऑक्सफोर्ड से ही अपनी पढ़ाई की है। जिनमें वर्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी शामिल हैं। भारतीयों को इस मशहूर यूनिवर्सिटी में 1871 से एंट्री मिलनी शुरू हुई थी। भारत के कई जाने-माने लोगों ने भी यहां से पढ़ाई की है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह भी हैं। कई भारतीयों को यहां एकेडमिक पद भी मिले। जैसे कि भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन, नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और भारत रत्न विजेता वैज्ञानिक सी.एन. राव।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें