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रविवार, 3 जनवरी 2010

ट्रेन हादसों का जिम्मेदार कौन ??

नए साल के उल्लास पर शनि महाराज का कोप भरी पड़ा. साल के दूसरे दिन ही शनिवार को उत्तर प्रदेश में तीन ट्रेन-हादसे हुए. कईयों की जान गई व कई घायल हुए. कोई नया साल मनाकर आ रहा था तो कोई किसी समारोह में शामिल होने जा रहा था.पर सवाल अपनी जगह कायम है कि आखिर व्यवस्था में सुधार के लिए रेल मंत्रालय क्या कर रहा है ? मात्र आपने पूर्ववर्ती मंत्री को गलत ठहराने के लिए श्वेत-पत्र जारी होने से तो समस्याएं ख़त्म नहीं हो जायेंगीं. दुनिया बुलेट-ट्रेन दौड़ा रही है में हम अपनी सुपर फास्ट ट्रेन की सुरक्षा तक नहीं कर पा रहे हैं. हर साल लम्बे-लम्बे वादे व नीतियाँ पर नतीजा सिफर. आई आई टी कानपुर ने एक ही ट्रेक पर ट्रेनों के आने से होने वाले हादसों को रोकने के लिए एंटी कोलेजन डिवाइस बनाया वा इसे ट्रेनों में लगाने का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को सौंपा था, पर वह भी नौकरशाही के मकड़जाल में उलझकर रह गया. आई आई टी कानपुर ने रेलवे सुरक्षा प्रौद्योगिकी मिशन का प्रथम चरण पूरा कर रेल मंत्रालय को सौंप दिया, पर दूसरे चरण की अनुमति देने का अभी तक मंत्रालय ने मन ही नहीं बनाया. कोहरे में देखने के लिए लेजर आधारित तकनीक भी विकसित करने पर कार्य चल रहा है.

...पर दुर्भाग्यवश जिन्हें इन चीजों को लागू करना है, वे पूर्ववर्ती की पोल खोलने हेतु श्वेत-पत्र लाने, अपने निर्वाचन क्षेत्रों में परियोजनाएं ले जाने व वोट-बैंक तथा सस्ती लोकप्रियता के मद्देनजर कार्य कर रहे हैं. जब तक हमारे राजनेताओं की इच्छाशक्ति पाँच साल के आगे नहीं सोच पायेगी तब तक यूँ ही नौकरशाही के मकडजाल में उलझकर अच्छी परियोजनाएं फाइलों में बंद होती रहेंगीं तथा हम हाथ पर हाथ धरे रहकर बैठे रहेंगें. अब लाल बहादुर शास्त्री जैसे राजनेता नहीं रहे जिन्होंने ट्रेन-एक्सिडेंट की नैतिक जिम्मेदारी लेकर पद छोड़ दिया था, बल्कि लोगों की लाशों पर राजनीति करने वाले लोग शीर्ष पर बैठे हैं. यह लोकतंत्र की विडम्बना ही कही जाएगी.

15 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

सीधी व खरी बात...इस ओर सोचने की जरुरत है.

Unknown ने कहा…

सीधी व खरी बात...इस ओर सोचने की जरुरत है.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बिल्कुल सही कहा आपने.

रामराम.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Sahi mudda uthaya apne...jawab dena hi hoga.

Sanjay Swadesh ने कहा…

aapko chkharewali par padha.
motihari me ladakiye bechi jata hin.
eshpar ek spacel reporting karni hain. aapki madam chahiye.
plz give me your emai id or detail of area.
sanjay swadesh
nagpur
9823551588
sanjayinmedia@rediffmail.com
www.visfot.com/author/sanjayswadesh

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alka mishra ने कहा…

नए साल में हिन्दी ब्लागिंग का परचम बुलंद हो
स्वस्थ २०१० हो
मंगलमय २०१० हो

पर मैं अपना एक एतराज दर्ज कराना चाहती हूँ
सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर के लिए जो वोटिंग हो रही है ,मैं आपसे पूछना चाहती हूँ की भारतीय लोकतंत्र की तरह ब्लाग्तंत्र की यह पहली प्रक्रिया ही इतनी भ्रष्ट क्यों है ,महिलाओं को ५०%तो छोडिये १०%भी आरक्षण नहीं

राज भाटिय़ा ने कहा…

हमारी सरकार, हमारा सिस्टम जिम्मेदार है, रेलवे क्या सारा देश ही उस भगवान के सहारे चल रहा है, हमारे यहां कोई सिस्टम नही आज से ६० साल पहले वाला युग ही चल रहा है

sandhyagupta ने कहा…

Aapki baat se sahmat hoon.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

यह तो बड़ी शर्मनाक बात है. नेता सिर्फ आपने बारे में सोचते हैं, लोग भले ही मरते रहें. बेहतरीन पोस्ट हेतु साधुवाद.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

Mamta banerji ji ko Kolkata se fursat mile to sochen...

बेनामी ने कहा…

Apki is post se prabhavit hoon. hona kya hai Driver suspend ho jayega, bade adhikari aur neta mauj marenge.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

प्रासंगिक मुद्दा....बहुत सही तरीके से आपने बात रखी.

S R Bharti ने कहा…

.......भगवान ही उनका मालिक है.

Shyama ने कहा…

जब तक नेताओं की बुद्धि खुलेगी, तब तक तो न जाने क्या-क्या हो जायेगा.