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सोमवार, 28 दिसंबर 2009

भारत में नव वर्ष के विभिन्न रूप

नव वर्ष धीरे-धीरे अपने मुकाम की ओर बढ़ रहा है. इसी के साथ उल्लास का पर्व भी आरंभ होता जाता है. कोई डांस-पार्टी इंजॉय करता है तो कोई दिन-दुखियों के साथ नव वर्ष सेलिब्रेट करता है. नव वर्ष के उद्भव की भी अपनी रोचक कहानी है. मानव इतिहास की सबसे पुरानी पर्व परम्पराओं में से एक नववर्ष है। नववर्ष के आरम्भ का स्वागत करने की मानव प्रवृत्ति उस आनन्द की अनुभूति से जुड़ी हुई है जो बारिश की पहली फुहार के स्पर्श पर, प्रथम पल्लव के जन्म पर, नव प्रभात के स्वागतार्थ पक्षी के प्रथम गान पर या फिर हिम शैल से जन्मी नन्हीं जलधारा की संगीत तरंगों से प्रस्फुटित होती है।

इतिहास के गर्त में झांकें तो प्राचीन बेबिलोनियन लोग अनुमानतः 4000 वर्ष पूर्व से ही नववर्ष मनाते रहे हैं। लेकिन उस समय नववर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी । रोम के तानाशाह जूलियस सीज़र ने ईसा पूर्व 45वें साल में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नववर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला साल, यानि, ईसापूर्व 46 इस्वी को 445 दिनों का करना पड़ा था।

आज विभिन्न विश्व संस्कृतियाँ नववर्ष अपनी-अपनी कैलेण्डर प्रणाली के अनुसार मनाती हैं। हिब्रू मान्यताओं के अनुसार भगवान द्वारा विश्व को बनाने में सात दिन लगे थे । इस सात दिन के संधान के बाद नया वर्ष मनाया जाता है। यह दिन ग्रेगेरियन कैलेंडर के मुताबिक 5 सितम्बर से 5 अक्टूबर के बीच आता है। इसी तरह इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है। इस्लामी कैलेंडर एक पूर्णतया चन्द्र आधारित कैलेंडर है जिसके कारण इसके बारह मासों का चक्र 33 वर्षों में सौर कैलेंडर को एक बार घूम लेता है । इसके कारण नव वर्ष प्रचलित ग्रेगरी कैलेंडर में अलग-अलग महीनों में पड़ता है। चीनी कैलेंडर के अनुसार प्रथम मास का प्रथम चन्द्र दिवस नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है । यह प्रायः 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच पड़ता है।

***भारत में नव वर्ष के विभिन्न रूप***

भारत के भी विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है । प्रायः ये तिथि मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती है । पंजाब में नया साल बैशाखी नाम से 13 अप्रैल को मनाई जाती है। सिख नानकशाही कैलंडर के अनुसार 14 मार्च होला मोहल्ला नया साल होता है। इसी तिथि के आसपास बंगाली तथा तमिल नव वर्ष भी आता है। तेलगु नव वर्ष मार्च-अप्रैल के बीच आता है। आंध्रप्रदेश में इसे उगादी (युगादि=युग+आदि का अपभ्रंश) के रूप में मनाते हैं। यह चैत्र महीने का पहला दिन होता है। तमिल नव वर्ष विशु 13 या 14 अप्रैल को तमिलनाडु और केरल में मनाया जाता है। तमिलनाडु में पोंगल 15 जनवरी को नव वर्ष के रूप में आधिकारिक तौर पर भी मनाया जाता है। कश्मीरी कैलेंडर नवरेह 19 मार्च को होता है। महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रूप में मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है, कन्नड़ नव वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मनाते हैं, सिंधी उत्सव चेटी चंड, उगाड़ी और गुड़ी पड़वा एक ही दिन मनाया जाता है। मदुरै में चित्रैय महीने में चित्रैय तिरूविजा नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। मारवाड़ी नव वर्ष दीपावली के दिन होता है। गुजराती नव वर्ष दीपावली के दिन होता है जो अक्टूबर या नवंबर में आती है। बंगाली नव वर्ष पोहेला बैसाखी 14 या 15 अप्रैल को आता है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में इसी दिन नव वर्ष होता है।भारत में विक्रम संवत, शक संवत, बौद्ध और जैन संवत, तेलगु संवत भी प्रचलित हैं.इनमें हर एक का अपना नया साल होता है। देश में सर्वाधिक प्रचलित विक्रम और शक संवत है। विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने की खुशी में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था। विक्रम संवत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। इस दिन गुड़ी पड़वा और उगादी के रूप में भारत के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष मनाया जाता है। वस्तुत: भारत में नववर्ष का शुभारम्भ वर्षा का संदेशा देते मेघ, सूर्य और चंद्र की चाल, पौराणिक गाथाओं और इन सबसे ऊपर खेतों में लहलहाती फसलों के पकने के आधार पर किया जाता है। इसे बदलते मौसमों का रंगमंच कहें या परम्पराओं का इन्द्रधनुष या फिर भाषाओं और परिधानों की रंग-बिरंगी माला, भारतीय संस्कृति ने दुनिया भर की विविधताओं को संजो रखा है।
 
-आकांक्षा यादव

19 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

सुंदर आकलन.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बढ़िया पोस्ट!
आज सुबह की चर्चा मंच में इसे लिया गया है!

बेनामी ने कहा…

नए साल के इतने रूप होंगे, पता भी न था मुझे....आपका आभार व नव-वर्ष की बधाइयाँ.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

आकांक्षा जी, आप इस ब्लॉग के माध्यम से दिलचस्प ज्ञानार्जन करा रही हैं, नित नई-नई बातें. नए साल में भी आपकी कलम यूँ ही प्रखरता से चलती रहे.नव-वर्ष की बधाइयाँ.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

आकांक्षा जी, आप इस ब्लॉग के माध्यम से दिलचस्प ज्ञानार्जन करा रही हैं, नित नई-नई बातें. नए साल में भी आपकी कलम यूँ ही प्रखरता से चलती रहे.नव-वर्ष की बधाइयाँ.

Shyama ने कहा…

नववर्ष के आरम्भ का स्वागत करने की मानव प्रवृत्ति उस आनन्द की अनुभूति से जुड़ी हुई है जो बारिश की पहली फुहार के स्पर्श पर, प्रथम पल्लव के जन्म पर, नव प्रभात के स्वागतार्थ पक्षी के प्रथम गान पर या फिर हिम शैल से जन्मी नन्हीं जलधारा की संगीत तरंगों से प्रस्फुटित होती है।
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कवि-हृदय आकांक्षा जी के अद्भुत उद्गार....नए साल में आप सभी का स्वागत है.

Shyama ने कहा…

मयंक जी के चर्चा-मंच पर भी हो आया. लिंक है-http://charchamanch.blogspot.com/2009/12/blog-post_28.html

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

नूतन वर्ष के अभिनन्दन में खूबसूरत पोस्ट...मंगलकामनाएं.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

भारत में नववर्ष का शुभारम्भ वर्षा का संदेशा देते मेघ, सूर्य और चंद्र की चाल, पौराणिक गाथाओं और इन सबसे ऊपर खेतों में लहलहाती फसलों के पकने के आधार पर किया जाता है।...Satik vishleshan. Happy New Year-2010.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…

भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की रोचक जानकारी. नया साल आपको सभी खुशियाँ दे.

KK Yadav ने कहा…

सुन्दर जानकारी. नव वर्ष का अभिनन्दन !!

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

नव-वर्ष की छटा निराली. आपकी पोस्ट पढ़कर कई आयामों से रूबरू हुआ...आभार.नव वर्ष की शुभकामनायें.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

नव-वर्ष की छटा निराली. आपकी पोस्ट पढ़कर कई आयामों से रूबरू हुआ...आभार.नव वर्ष की शुभकामनायें.

Bhanwar Singh ने कहा…

इसे बदलते मौसमों का रंगमंच कहें या परम्पराओं का इन्द्रधनुष या फिर भाषाओं और परिधानों की रंग-बिरंगी माला, भारतीय संस्कृति ने दुनिया भर की विविधताओं को संजो रखा है...yahi to apne desh ki visheshata hai.

Akanksha Yadav ने कहा…

@डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…
बढ़िया पोस्ट!
आज सुबह की चर्चा मंच में इसे लिया गया है!
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आपकी आभारी हूँ. स्नेह बनाये रखें.

अंजना ने कहा…

रोचक जानकारी बधाई।ओर साथ ही मे नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं ।

संजय भास्‍कर ने कहा…

रोचक जानकारी बधाई।