आज भारत की लौह-महिला कही जाने वाली इंदिरा गाँधी जी की पुण्य तिथि है. हम उनकी नीतियों से सहमत-असहमत हो सकते हैं, पर भारतीय राजनीति में उनके व्यक्तित्व को नज़र अंदाज़ करना संभव नहीं. वे नारी-सशक्तिकरण की प्रतीक थीं, जिनकी खुद की चाहत थी कि काश उनके यहाँ बेटी पैदा होती. उन्होंने अपनी इस भावना से अपने कई राजनैतिक सहयोगियों को अवगत कराया था कि उनकी एक पुत्री भी हो। इस बात का उल्लेख पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी अंग्रेजी पुस्तक 'योवर्स सिंसीयरली' में भी किया है। इसमें उन्होंने जिक्र किया है कि जब उन्हें पुत्री हुई तो उन्हें बधाई देते हुए इंदिरा गाँधी ने पत्र में लिखा था कि उनकी तमन्ना थी कि उन्हें भी एक लड़की होती।
आज इंदिरा गाँधी जी कि पुण्यतिथि है. वे एक ऐसी महिला थीं, जिनका लोहा भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मानती है. आज हम महिला आरक्षण की बात कर रहे हैं, पर वे उस दौर में भारतीय राजनीति के शिखर पर थीं, जब दुनिया में महिलाओं का संसदीय प्रतिनिधित्व विरले ही मिलता था. काश, इंदिरा जी की कोई बेटी होती तो आज भारतीय राजनीति का चेहरा ही कुछ और होता !
पुण्य तिथि पर सादर नमन !!
6 टिप्पणियां:
आजकल नारी-शक्ति का जमाना है...यह इंदिरा जी को पहले से ही पता था. काश कि उनकी इच्छा पूरी हुई होती.
sahi hai
एक बहु को राज...एक बहु को घर निकला...महिलाएं ही महिलाओं की बाधक बन जातीं हैं...हम आदर्श की बातें तो बहुत करते हैं...पर जब निभाने की बारी आती है...तो पीछे हट जाते है इंदिरा जी एक आदर्श नेता थीं इसमें कोई शक नहीं...
आज हम महिला आरक्षण की बात कर रहे हैं, पर वे उस दौर में भारतीय राजनीति के शिखर पर थीं, जब दुनिया में महिलाओं का संसदीय प्रतिनिधित्व विरले ही मिलता था. काश, इंदिरा जी की कोई बेटी होती तो आज भारतीय राजनीति का चेहरा ही कुछ और होता !..Well said.
vakai Creative post..kash !!
तब तो इतिहास ही कुछ दूसरा होता.
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