प्रेम की बाँसुरी की मिठास वाकई बहुत सुरीली और अनुपम होती है। बांसुरी भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय है, क्योंकि बांसुरी में तीन गुण हैं :
पहला
बांसुरी में गांठ नहीं है।
जो संकेत देता है
कि
अपने अंदर
किसी भी प्रकार की
गांठ मत रखो।
मन में
बदले की भावना मत रखो।
दूसरा गुण
बिना बजाये ये बजती नहीं है।
मानो बता रही है कि
जब तक ना कहा जाए
तब तक
मत बोलो।
और
तीसरा
जब भी बजती है
मधुर ही बजती है।
अर्थात
जब भी बोलो, मीठा ही बोलो।
जय श्रीकृष्ण !!
कृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाइयाँ !!
मुरलीधर मथुराधिपति माधव मदनकिशोर.
मेरे मन मन्दिर बसो मोहन माखनचोर.
कृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाइयाँ !!
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