नारी-सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम तब और जुड़ गया, जब देश की सीमा की हिफाजत करने वाले सबसे बड़े सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अपने 51 साल के इतिहास में पहली बार पहली महिला अधिकारी (फील्ड ऑफिसर) मिली । राजस्थान के बीकानेर की बेटी तनुश्री पारीक ने देश की पहली सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की महिला अधिकारी बनकर देश का गौरव बढ़ाया. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में टेकनपुर स्थित बीएसएफ अकादमी में 25 मार्च, 2017 को आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद वह असिस्टेंट कमांडेंट बन गईं. इस मौके पर 25 वर्षीय तनुश्री ने 67 ट्रैनी ऑफिसर की दीक्षांत परेड का नेतृत्व भी किया और उन्हें सम्मानित भी किया गया. तनुश्री ने यहां बीएसएफ अकादमी में अधिकारियों के 40वें बैच में बतौर सहायक कमांटेंड 52 हफ्तों का प्रशिक्षण लिया था.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तनुश्री के बीएसएफ की पहली महिला अधिकारी बनने पर शुभकामनाएं दी. गृहमंत्री ने कहा कि इस बात की खुशी है कि बीएसएफ को पहली फील्ड ऑफिसर मिली है. मैं उम्मीद करता हूं कि इनसे प्रेरित होकर और भी महिला अधिकारी अर्द्धसैनिक बलों से जुड़ेंगी, और देश की सीमाओं की सुरक्षा करेंगी. सेना और अर्द्धसैनिक बलों में महिला अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन कर रही हैं.
बॉर्डर फिल्म से ली बीएसएफ में जाने की प्रेरणा
बीकानेर में जब बॉर्डर फिल्म की शूटिंग हो रही थी, तब तनुश्री स्कूल जाने लगी थीं. उस फिल्म में बीएसएफ का अहम रोल था. फिल्म से प्रेरणा लेकर उन्होंने बीएसएफ में जाकर देश सेवा का मन बनाया था. जो आज एक गौरव के रूप में सामने आया है. वहीं तनुश्री पारीक का कहा था कि उन्होंने बीकानेर में करीब से बीएसएफ के कामकाज के तरीके को देखा. मैंने नौकरी के लिए नहीं बल्कि पैशन के लिए बीएसएफ को चुना. तनुश्री स्कूल और कॉलेज के दौरान एनसीसी कैडेट भी रह चुकी हैं.
असिस्टेंट कमांडेंड के रूप में तनुश्री को अब भारत-पाक सीमा पर पंजाब में तैनात किया जाएगा, जहां वे एक यूनिट की कमांड संभालेंगी। गौरतलब है कि 1965 में स्थापना के बाद से बीएसएफ ने वर्ष 2013 से महिला ऑफिसर की भर्ती शुरू की थी। बीएसएफ में फिलहाल 2.5 लाख जवान हैं।
Rajasthan's Tanushree becomes the first woman combat officer of the BSF
Akanksha Yadav @ http://shabdshikhar.blogspot.in/
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