भारत की सुंदरियों ने दुनिया में एक बार फिर अपनी खूबसूरती का लोहा मनवा लिया है। चीन के सनाया में आयोजित की गई मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत की मिस इंडिया मानुषी छिल्लर को मिस वर्ल्ड 2017 घोषित किया गया। इस प्रतियोगिता में दुनियाभर की 118 सुंदरियों ने हिस्सा लिया था जिसमें मानुषी ने सभी को पीछे छोड़ते हुए मिस वर्ल्ड का खिताब जीता। इस प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर मिस मेक्सिको रहीं जबकि तीसरे नंबर पर मिस इंग्लैंड रहीं है। 20 साल की मानुषी छिल्लर 67वीं मिस वर्ल्ड हैं।
हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली मानुषी मेडिकल की छात्रा हैं और कार्डिएक सर्जन बनना चाहती हैं। दिल्ली के सेंट थॉमस स्कूल से पढ़ाई करने वाली मानुषी सोनीपत के भगत फूल सिंह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज फॉर वूमन से पढ़ाई कर रही हैं। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा लेने ले लिए नाम देते वक्त मानुषी मेडिसिन एंड सर्जरी में अपनी डिग्री पूरी कर रही थीं। मानुषी के पिता डॉ मित्रा बसु छिल्लर डीआरडीओ में वैज्ञानिक हैं और मां नीलम छिल्लर इंस्टीट्यूट ऑफ ह्मूमन बिहेवियर एंड एलीड साइंस के डिपार्टमेंट की हेड हैं।
मानुषी ने जाने माने डांसर राजा और राधा रेड्डी से कुचिपुड़ी डांस की ट्रेनिंग ली हुई है। छिल्लर ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से भी ट्रेनिंग ली है, उन्हें खाली वक्त में पैराग्लाइडिंग, बंजी जंपिंग और स्कूबा डाइविंग जैसे स्पोर्ट्सपसंद है। छिल्लर को कविता और चित्रकारी का भी शौक है। मानुषी की इंग्लिश काफी अच्छी है, 12वीं क्लास में वह इंग्लिश में ऑल इंडिया सीबीएसई टॉपर थीं।
मिस इंडिया मानुषी छिल्लर से फाइनल राउंड में जूरी ने सवाल पूछा था कि किस प्रोफेशन में सबसे ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए और क्यों? इसके जवाब में मानुषी ने कहा, 'मां को सबसे ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए। इसके लिए उन्हें कैश में सैलरी नहीं बल्कि सम्मान और प्यार मिलना चाहिए।'
किसी भी एशियन महिला ने वर्ष 1966 तक मिस वर्ल्ड का खिताब नहीं जीता था। 1966 में रीता फारिया भारत से पहली मिस वर्ल्ड बनीं थीं। उसके बाद ऐश्वर्या राय ने 1994, डायना हेडन ने 1997 में, युक्ता मुखी ने 1999 में और प्रियंका चोपड़ा ने साल 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था। मानुषी छिल्लर से पहले वर्ष 2000 में बॉलिवुड और हॉलिवुड की सफल अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा भारत की तरफ से मिस वर्ल्ड बनीं थी।
मिस वर्ल्ड बनना मानुषी के बचपन का सपना था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'बचपन में, मैं हमेशा से इस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेना चाहती थी और मुझे यह कभी नहीं पता था कि मैं यहां तक पहुंच जाऊंगी। अब मिस वर्ल्ड का खिताब जीतना केवल मेरा ही नहीं बल्कि मेरे परिवार और दोस्तों का भी सपना बन गया था।' मिस वर्ल्ड में जाने से पहले मानुषी समाजसेवा के कार्यों से भी जुड़ी रही हैं। उन्होंने महिलाओं की माहवारी के दौरान हाइजीन से संबंधित एक कैंपेन में करीब 5,000 महिलाओं को जागरूक किया है।
यह भी सोचने वाली बात है कि मिस वर्ल्ड मानुषी उसी हरियाणा राज्य से हैं, जहाँ बेटियों के प्रति भेदभाव की स्थिति चलते लिंगानुपात चिंता का विषय है। पर उसी हरियाणा की बेटियाँ आज दुनिया भर में खेलों से लेकर सौंदर्य के क्षेत्र में अपना परचम फहरा रही हैं। आशा की जानी चाहिए कि इससे हरियाणा जैसे राज्यों में बेटियों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में भी परिवर्तन आएगा।
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