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शुक्रवार, 14 मई 2010

अंडमान-निकोबार ब्लॉगर्स एसोसिएशन

आजकल एसोसिएशन की बड़ी माँग है. जिसे देखो वही एसोसिएशन बनाकर पदाधिकारी बना जा रहा है. अपने देश में तो इतने राजनैतिक दल हैं कि चुनाव आयोग को भी कहना पड़ता है कि कई तो मात्र कागज पर खानापूर्ति के लिए हैं. कुछ सक्रिय राजनैतिक दल तो ऐसे भी हैं कि उनके सारे महत्वपूर्ण पदाधिकारी घर के ही सदस्य हैं. फिर भी वे मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री की दौड़ में हैं. देश-विदेश में तमाम राजनैतिक-सामाजिक-साहित्यिक-आर्थिक-सांस्कृतिक-भाषाई-प्रांतीय-बुद्धिजीवी से लेकर हर वर्ग के अपने संगठन या एसोसिएशन हैं. सरकारी नौकरी वालों के संगठन हैं तो फिर निजी कंपनी वाले पीछे कैसे रहें. और जब सभी के संगठन हैं तो बेरोजगारों के भी होंगे. जाति-धर्म-व्यवसाय-लिंग हर किसी के संगठन हैं और उनके बकायदा पदाधिकारी हैं. कई बार सोचती हूँ कि यदि इन सबकी गिनती की जाय तो वाकई तारे गिनने वाली ही बात होगी.

खैर, अब संगठन और एसोसिएशन ब्लॉग जगत में भी अपने पाँव पसार रहा है. जिस वर्चुअल दुनिया में माना जाता है कि कोई दूरी या भेदभाव नहीं होता वहाँ भी विभिन्न प्रमुख स्थानों या जातियों के ब्लोगर्स अपना एसोसिएशन बनाने लग गए हैं. सो, इस भेड़चाल में हमारे भी दिमाग में विचार आया कि भारत के इस दक्षिणतम क्षोर पर अवस्थित अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी ब्लोगर्स को क्यों न इकठ्ठा किया जाय. पहले अपना ख्याल राजधानी पोर्टब्लेयर तक सीमित रखा तो जोड़-घटाकर मात्र 06 ब्लोगर्स दिखे. संख्या कम लगी तो पूरे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को कवर करने की सोची तो वहाँ भी मामला कुछ खास नहीं जमा.

पूरे द्वीप समूह में सर्च किया तो मात्र 08 ब्लॉगर्स दिखे. इनमें से 03 हमारे ही परिवार के हैं- पतिदेव कृष्ण कुमार यादव, पुत्री अक्षिता और स्वयं मैं. शेष 05 ब्लॉगर्स-जन में से संतोष दयारकर (पोर्टब्लेयर, अपने पर्यटन व्यवसाय के लिए मात्र एक पोस्ट), साईं संदीप(पोर्टब्लेयर, मात्र प्रोफाइल उपलब्ध), अकबर (पोर्टब्लेयर, पर्यटन के लिए दो ब्लॉग, जिनमें कुल जमा मात्र दो पोस्ट), आर. आर. मायाबंदर (मायाबंदर, अंडमान-निकोबार प्रशासन के लोअर ग्रेड क्लर्क्स के लिए ब्लॉग), राघवेन्द्र (हैदराबाद, अपनी कोचिंग के प्रचार के लिए एक पोस्ट) हैं. यानी कुल मिलाकर इन 05 ब्लॉगर्स के ब्लॉग पर जो भी एक-दो पोस्ट हैं, वे आंग्लभाषा में हैं और व्यावसायिक हितों की पूर्ति के लिए हैं.

खैर अब अंडमान-निकोबार ब्लॉगर्स एसोसिएशन का गठन हम तीन लोगों से ही होना है. ज्यादा मुश्किल कार्य भी नहीं है, घर की बात घर में. एक संरक्षक, एक अध्यक्ष, एक सचिव....हो गया अंडमान-निकोबार ब्लॉगर्स एसोसिएशन का गठन. जब तमाम राजनैतिक दलों के पदाधिकारी एक ही घर से हो सकते हैं तो इस एसोसिएशन में क्यों नहीं हो सकते. हमारे पास कोई विकल्प भी नहीं है....है न मजेदार बात. जहाँ भी बैठ गए एसोसिएशन अपने आप प्रभावी हो गया.

खैर,गंभीर होने की जरुरत नहीं है और डरने की भी जरुरत नहीं है. और न ही हमें किसी एसोसिएशन की जरुरत है...इस सबका उद्देश्य मात्र अंडमान-निकोबार में ब्लागिंग की स्थिति से रु-ब-रु करना था. अंडमान-निकोबार में हमारी कोशिश है कि जब तक हैं, कुछ रचनात्मक कार्य करें. यहाँ के अख़बारों में ब्लॉग और उसकी प्रक्रिया पर आधारित लेख भी दिए हैं, जो प्रकाशित हो रहे हैं. अब देखिये कितने लोगों को रचनात्मक व सक्रिय ब्लागिंग की तरफ प्रवृत्त कर पाते हैं.

29 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

जब आप जैसे लोग अंडमान में हैं तो साहित्य व ब्लागिंग की उन्नति तो होगी ही..सुन्दर प्रयास की बधाई.

Shyama ने कहा…

हर कोई आज जेबी संगठन चाहता है..सुन्दर जानकारी व सार्थक व्यंग्य..साधुवाद !!

Shyama ने कहा…

हर कोई आज जेबी संगठन चाहता है..सुन्दर जानकारी व सार्थक व्यंग्य..साधुवाद !!

बेनामी ने कहा…

अंडमान में अभी भी इन सब चीजों का उतना प्रभाव नहीं है, पर आप हैं तो लोग जागरूक भी होंगे ..शुभकामनायें.

Bhanwar Singh ने कहा…

अंडमान-निकोबार ब्लागर्स एसोसियेशन की बधाइयाँ.

Shahroz ने कहा…

..हर्ज़ क्या है. तीन लोगों का ही एसोसियेशन. संगठन सर गिनने से नहीं दिमाग से चलता है. अत : मेरे विचार में आपको इस तरफ प्रवृत्त होना चाहिए.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

यह तो बेहद ख़ुशी की बात है कि तीन सक्रिय ब्लागर्स आपके परिवार में ही हैं. ऐसा सौभाग्य विरलों को ही मिलता है. इस पर हमने आपने ब्लॉग 'नव-सृजन' पर एक पोस्ट भी लिखी थी.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

...वैसे हम विशेष आमंत्रित सदस्य बनने के लिए तैयार हैं.

honesty project democracy ने कहा…

दरअसल आकांक्षा जी जब तक हम लोग एकजुट होकर ब्लॉग को देश और समाज हित से जोरकर इसे एक खोजी ब्लॉग पत्रकारिता का रूप नहीं देंगे ,तब तक ब्लोगिंग का विस्तार संभव नहीं है / क्योंकि सार्थक परिणाम और देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने की चाह को पैदा करना बहुत जरूरी है / इस दिशा में आप भी प्रयास करें और अपने बहुमूल्य सुझाव भी हमें बताएं /

Yashwant Mehta "Yash" ने कहा…

इश्वर की कृपा से आपकी कोशिश कामयाब हो

संघठन बना हैं तो प्रचार प्रसार भी होगा ही
दिल्ली में प्रचार के लिए आप हमें पदाधिकारी नियुक्त कर सकती हैं
अन्यथा हम स्वयं ही नियुक्त हो जायेंगे

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

अरे वाह, फिर तो मजा आ जायेगा. अंडमान के सुन्दर बीच पर ब्लागर्स की बैठक...

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

बेहतरीन प्रयास...आप सभी को साधुवाद.

S R Bharti ने कहा…

आइडिया तो बढ़िया है. इसी बहाने लोगों को अंडमान से भी जुड़ने का मौका मिलेगा.

मन-मयूर ने कहा…

हमें भी आमंत्रित कीजियेगा. हम भी घूमेंगे.

raghav ने कहा…

आपको एडवांस में बधाई. सक्रियता बढ़ेगी तो हिंदी का भी उद्धार होगा.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

इस पोस्ट के बहाने आपने आज के राजनेताओं और NGO की कड़ी खिंचाई कर दी..सब धंधा है.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

बहुत खूब..हम उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे...हमारी सीट पक्की.

ashish ने कहा…

हम ब्लॉगर तो नहीं लेकिन एक पाठक जरुर है , आप तो ghazipur कि रहने वाली हो और मै भी , जैसे कि सभी जानते है अपने क्षेत्र के विकास के लिए सभी राजनेता काम करते है , तो हमको भी कोई पोस्ट(पद) दीजिये ना आपकी association में . वैसे हमारे ghazipur में एक जुमला चलता है , सौ पढ़ा और एक आज़मगढ़ा . हा हा हा हा. आप समझ गयी होगी ना मेरा इशारा कहा है. वैसे अपना पद तो बनता है ना ये जुमला उछालनेका.मेरा मतलब ये कि जब आप लोग वहा पहुच गए हो तो , ब्लॉगर भी बनेंगे और association भी .

कविता रावत ने कहा…

अंडमान-निकोबार में हमारी कोशिश है कि जब तक हैं, कुछ रचनात्मक कार्य करें. यहाँ के अख़बारों में ब्लॉग और उसकी प्रक्रिया पर आधारित लेख भी दिए हैं, जो प्रकाशित हो रहे हैं. अब देखिये कितने लोगों को रचनात्मक व सक्रिय ब्लागिंग की तरफ प्रवृत्त कर पाते हैं.
Saarthak, chintansheel prastuti ke liye Aabhar.....

Urmi ने कहा…

मुझे तो अंदमान जाने का सौभाग्य अब तक प्राप्त नहीं हुआ पर लगता है ब्लोग्गेर्स मीट होने पर वहां पर जाने का मौका मिलेगा! बहुत ही बढ़िया जानकारी मिली!

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप को इस -निकोबार ब्लागर्स एसोसियेशन की बधाइयाँ.

अजय कुमार ने कहा…

ब्लागर मिलन तो कर ही लीजिये।

Saleem Khan ने कहा…

GRE8

Kumar Jaljala ने कहा…

कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
पुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुन्दर जानकारी

संजय भास्‍कर ने कहा…

जब तक हैं, कुछ रचनात्मक कार्य करें

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

इस सार्थक प्रयास हेतु बधाई.

Manoj Kumar ने कहा…

अंडमान- निकोबार द्वीप का अब तक केवल नाम ही सुना था. राजनैतिक नक़्शे पर इसे सागर के बीचोबीच एक टापू के रूप में देखा था. मतलब सिर्फ इतना जनता था की यह दूर....बहुत दूर .... है. अब आपलोगों के ब्लॉग के माध्यम से इस जगह से थोडा नजदीकी और अपनत्व सा हो गया है. कृष्ण कुमार जी एवं पाखी का भी ब्लॉग देखा. आप तीनों का ब्लॉग किसी नए ब्लागर के लिए टेक्स्टबुक से कम नहीं है. जब मै कालेज में पढ़ा करता था-(15 years ago) तब पत्र-पत्रिकाओं का दीवाना था. कथा-कहानियां लिखनें एवं पत्र-मित्र बनाने का बहुत शौक था. आज मै सोचता हूँ कि उस समय यदि इंटरनेट सुलभ होता और ब्लॉग का जमाना होता तो कितना अच्छा होता. कितना समय निकल जाता था पत्र लिखने, फाईलिंग करने, टिकट चिपकाने, पोस्ट करने और फिर जवाब कि प्रतीक्षा करने इत्यादि जैसे कामों में. अब यह काम चुटकियों में हो रहा है. मै ब्लॉग कि दुनिया से हाल में ही जुड़ा हूँ और सीख़ रहा हूँ. एक बार पधारे तो बड़ी ख़ुशी होगी. धन्यवाद सहित.

Akanksha Yadav ने कहा…

@ मनोज कुमार,

आपकी आत्मीय टिपण्णी के लिए आभार.