कहते हैं आंखें दिल का आईना होती हैं। किसी भी व्यक्ति के दिल का हाल उसकी आंखें कह देती हैं। मतलब जो आंखों को पडऩा सीख लेते हैं वे किसी के भी दिल की बात को आसानी से समझ सकते हैं। आंखों को पढऩा तो फिर भी बहुत लोग जानते हैं लेकिन आप ऐसे कितने लोगों को जानते हैं जो पलकों के झपकने के अंदाज से व्यक्ति का स्वभाव को बता देते हैं। लेकिन ज्योतिष में यह भी सम्भव हैं। तो आइये जानते हैं कैसे जानें जा सकते है पलकों की झपकन से व्यक्तित्व के राज।
- पांच सेकंड में पलकें झपकाने वाले अपने जीवन से परेशान वैभव व समृद्धि हीन होते हैं।
- दस सेकंड में पलकों को झपकाने वाले दूसरों पर आश्रित रहते हैं ये अपना काम दूसरों से करवाकर अधिक खुशी महसुस करते हैं।
- पन्द्रह सेकंड में पलकें झपकाने वाले तेजी से निर्णय लेने वाले और चतुर होते हैं।
- बीस सेकंड में पलकें झपकाने वाले स्थिरबुद्धि वाले और प्रभावशाली होते हैं।
- पच्चीस सेकंड में पलकें झपकाने वाले अपने आप एक अजीब सा आकर्षण लिए होते हैं इनमे सम्मोहित करने की क्षमता होती है।
साभार : भास्कर
20 टिप्पणियां:
पलकों के झपकने के अंदाज से व्यक्ति का स्वभाव ....पलकों में भी राज छुपा हुआ है, हमें तो पता ही नहीं था..सुन्दर जानकारी मिली.
वहा, हमें तो पता ही नहीं था की आँखों की पलके भी कुछ कहती हैं... आभार - नवीन जानकारी के लिए.
JABARDASHT INFORMATION ... ITNE GAHRI BAATE TO MUJHE PATA HI NAHI THI .. AAP BADHAYI KI PAATR HAI
VIJAY
आपसे निवेदन है की आप मेरी नयी कविता " मोरे सजनवा" जरुर पढ़े और अपनी अमूल्य राय देवे...
http://poemsofvijay.blogspot.com/2010/08/blog-post_21.html
आंखे तो हम भि पढ लेते है आंखे क्या चेहरा देख कर ही हर इंसान का पता चल जाता है,लेकिन आप ने ओर भी सुंदर जानकारी दी, धन्यवाद
बड़ी रोचक जानकारी प्रस्तुत की आपने।
बढ़िया जानकारी ..
कल स्टॉप वाच लगा कर काऊंट कराता हूँ. :)
बेहतरीन जानकारी..कृष्णा जी की तो आप ही गिन दो.हा हा!!
पलकों के बारे में बड़ी खूबसूरत जानकारी...आभार.
मैं भी अपनी गिन ही डालता हूँ...
bahut sundar aalekh badhai
ab aaj se 30 second me palke jhapkaynga :)....tab plezz kya hoga ye bhi batayiye....vaise ek baat kahe jo computer per khat-khat kerte hai ve to 1 minut me bhi sayad palke ghapkate honge....(mai ye sab nahi manta ki palko ki vajah se life me koi chang ho sakta hai sorry)
Achhi jaankari hai.............
और बहुत कुछ छिपाती भी हैं।
सच है .वैसे भी इंसान चाहे मुँह से कुछ न कहे आँखें .................बोल जाती हैं ..........
bahut hee rochak jankari mili
...यह तो पलकों का चित्र देखकर ही लग जा रहा है.
के.के. भाई तो सबसे पहले कमेन्ट करने पहुंचे और समीर जी ने उनकी काउंटिंग भी करा दी..हा..हा..हा..
पलकों के व्यव्हार पर सुन्दर जानकारी और शोधपूर्ण पोस्ट...बधाई.
पलकों की बात ही निराली...अच्छी जानकारी..आभार.
@ Samir Ji,
लगता है गिनवाकर ही छोड़ेंगे...
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