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रविवार, 11 अगस्त 2013

हिंदी फिल्मों/धारावाहिकों में बढती नारी हिंसा बनाम नारी अधिकारों की खातिर सचिन तेंदुलकर का कविता-पाठ


आजकल जब भी पिक्चर हाल में फिल्म देखने जाइये, आरंभ में और मध्यांतर में धूम्रपान के प्रति सचेत करता एक विज्ञापन दिखाया जाता है। हर फिल्म में यह घोषणा की जाती है कि यह धूम्रपान का समर्थन नहीं करती। प्रतीकात्मक ही सही, इसका महत्व तो है ही और कुछेक लोग इससे सीख भी लेते होंगें। समाज में जिस  से नारियों के प्रति हिंसा फ़ैल रही है और कई बार फिल्मों-धारावाहिकों में भी जिस तरह से ऐसे दृश्यों को अतिरंजित करके दिखाया जाता है, क्या वह खतरनाक नहीं है।

मेरे मन में कई बार विचार आता है कि क्यों न सभी फिल्मों के प्रसारण से पूर्व भी नारी-हिंसा के प्रति सचेत करता विज्ञापन दिखाया जाय और फिल्मों/धारावहिकों  में ऐसे दृश्यों के साथ-साथ नीचे यह भी उद्घोषणा की जाय कि वह ऐसी किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करते।

  एक बार यह विचार मैंने अभिनेत्री और सोशल एक्टिविस्ट शबाना आज़मी के साथ भी एक कार्यक्रम में  शेयर किया था, पर उनका जवाब था कि हर फिल्म में ऐसे दृश्य नहीं होते, फिर इसे हर फिल्म के साथ कैसे दिखाया जा सकता है ? ...पर यही बात तो धूम्रपान पर भी लागू  होती है.  खैर, इस पर सहमति-असहमति के तमाम विचार हो सकते हैं ....।

 पर आज यह विचार फिर से  पुनर्जीवित हुआ, जब यह खबर पढ़ी कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अब  महिला अधिकारों की खातिर मराठी में कविता पढेंगें। सचिन तेंदुलकर, निर्देशक और अभिनेता फरहान अख्तर के ‘बलात्कार और भेदभाव के खिलाफ पुरुष’ (मर्द) अभियान के लिए मराठी में कविता पढ़कर महिला अधिकारों के प्रति पुरुषों को जागरुक करने की कोशिश करेंगे. 'मर्द' ने बयान में कहा, ‘मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने महिलाओं के प्रति भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है. वह महिलाओं का सम्मान करने के लिए पुरुषों में जागरुकता लाने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिये मराठी में विशेष कविता पाठ करेंगे.’

बयान में कहा गया है, ‘सचिन की देश में लोकप्रियता को देखते हुए उनके इस अभियान में शामिल होने से कई लोग इस नेक काम से जुड़ने के प्रति प्रेरित होंगे.’ यह कविता गीतकार और कवि जावेद अख्तर ने लिखी है. इसे मूल रूप से हिंदी में लिखा गया है और इसका तेलुगु, तमिल, पंजाबी और मराठी जैसी विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है. तेलुगु में कविता पाठ टोलीवुड स्टार महेश बाबू करेंगे. तेंदुलकर कविता का मराठी संस्करण पढ़ेंगे जिसका अनुवाद जितेंद्र जोशी ने किया है.

निश्चितत: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को बल्ले से जोरदार शॉट्स लगाते हुए कई बार देख चुके हैं, लेकिन महिला अधिकारों के लिए उन्हें कविता पढ़ते हुए देखना अलग ही अनुभव होगा ....!!

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