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बुधवार, 7 मई 2014

लोकतंत्र के महाउत्सव में भागीदारी

हाथ की अंगुली पर लगी यह काली स्याही लोकतंत्र के माथे की बिंदिया है।  यह लोकतंत्र के माथे पर लगे  उस काले टीके की तरह भी है, जो इसे  बुरी नज़रों से बचाता है। अत: इस काले टीके को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों की अँगुलियों में लगना चाहिए, ताकि भारतीय लोकतंत्र और मजबूत हो  और इसे किसी की  बुरी  नज़र न लगे !!



आज 7 मई, 2014 को हमने भी अपने जीवन का प्रथम वोट फूलपुर लोकसभा क्षेत्र हेतु इलाहाबाद में वोट डाला। कभी इस क्षेत्र की नुमाइंदगी लोकसभा में देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू किया करते थे। अब तो यहाँ बहुत सारे पैमाने बदल चुके हैं।  फ़िलहाल,  अब रिजल्ट का इंतज़ार !!





लोकतंत्र के इस महाउत्सव में एक आहुति हमारी भी।  इलाहाबाद में वोट  !!


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