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रविवार, 7 जून 2015

अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में महिलाओं की रही सशक्त भागीदारी

21 वीं सदी नारी-सशक्तिकरण की है, बेटियों की है।  हर क्षेत्र में नारियाँ बुलंदियों को छू रही हैं, नए आयाम गढ़ रही हैं, फिर भला ब्लॉगिंग का क्षेत्र कैसे अछूता रह जाता।  आज एक चौथाई से ज्यादा हिंदी ब्लॉग महिलाओं द्वारा संचालित हैं।  वर्चुअल लाइफ में ये एक-दूसरे से रूबरू होती रहती हैं, पर वास्तविक जीवन में कभी-कभार।  हम एक दूसरे के विचारों, भावनाओं से तो रूबरू हुए हैं, पर वास्तविक जीवन में यदा-कदा ही।  

ऐसे में श्री लंका में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन ने  महिला ब्लॉगर्स को एक साथ इकट्ठा होने का भरपूर मौका दिया। भारत के विभिन्न प्रांतों से, विभिन्न कार्य-क्षेत्रों से, विभिन्न आयु-वर्ग से आई महिला ब्लॉगर्स-साहित्यकार-पत्रकार की अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्रीलंका में सशक्त भागीदारी रही। इनमें अकेले भारत से 13 महिला ब्लॉगर्स ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। 

 सही कहें, तो यह  तीन पीढ़ियों का संगम भी था।  नन्ही अपूर्वा, राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी), अदिति से लेकर दादी-नानी बन चुकी महिला ब्लॉगर्स का अद्भुत सम्मिलन और स्नेहिल पल। इस अवसर पर डॉ अर्चना श्रीवास्तव, (प्राचार्य, स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चंदौली), सुश्री सर्जना शर्मा, (वरिष्ठ पत्रकार और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट, नई दिल्ली), डॉ अनीता श्रीवास्तव (संपादक रेवान्त पत्रिका, लखनऊ), सुश्री आकांक्षा यादव (चर्चित लेखिका एवं ब्लॉगर, जोधपुर, राजस्थान), डॉ उर्मिला शुक्ल (वरिष्ठ लेखिका और ब्लॉगर रायपुर, छतीसगढ), सुश्री सुनीता प्रेम यादव ( लेखिका, अनुवादक और ब्लॉगर, औरंगाबाद, महाराष्ट्र), श्रीमती शुभदा पाण्डेय ( वरिष्ठ साहित्यकार, असम),  सुश्री माला चौबे (परिकल्पना, लखनऊ), सुश्री अल्पना देशपांडे (व्याख्याता एवं ब्लॉगर, रायपुर), सुश्री कुसुम वर्मा (लोकगायिका) इत्यादि की भागीदारी रही। 

बच्चियों और महिलाओं  ने जहाँ तमाम सम्मान हासिल किये, वहीं विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर शमाँ बाँधा।  बच्चों, महिलाओं और अन्य सामाजिक व ज्वलंत  मुद्दों पर अनौपचारिक वार्ताओं का क्रम भी चलता रहा।  

ऐसे ही तमाम पलों के गवाह ये चित्र, जो अभी भी जीवंत हैं।























अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्रीलंका में 25 मई, 2015 को ''हिन्दी ब्लॉग की समृद्धि में महिलाओं का योगदान'' विषय पर व्याख्यान देती हुईं चर्चित लेखिका एवं ब्लॉगर सुश्री आकांक्षा यादव। इस अवसर पर डॉ अर्चना श्रीवास्तव, (प्राचार्य, स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चंदौली), डॉ अनीता श्रीवास्तव (संपादक रेवान्त पत्रिका, लखनऊ), डॉ उर्मिला शुक्ल (वरिष्ठ लेखिका और ब्लॉगर रायपुर, छतीसगढ) और सुनीता प्रेम यादव ( लेखिका, अनुवादक और ब्लॉगर, औरंगाबाद, महाराष्ट्र) ने भी अपने विचार व्यक्त किये !!










यह सु-अवसर उपलब्ध करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात जी का हार्दिक आभार।  इन अधिकतर तस्वीरों को कैमरे में कैद किया हमारे जीवन-साथी श्री कृष्ण कुमार यादव जी  (वरिष्ठ ब्लॉगर एवं साहित्यकार, निदेशक डाक सेवाएँ, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर) ने। 



अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में 'परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान' से सम्मानित होतीं चर्चित ब्लॉगर सुश्री आकांक्षा यादव।

(चित्र में : डॉन सोमरथ्न विथाना, वरिष्ठ नाट्यकर्मी, श्रीलंका, श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर, श्री नकुल दूबे, पूर्व नगर विकास मंत्री, उत्तरप्रदेश सरकार, डॉ सुनील कुलकर्णी, हिन्दी विभागाध्यक्ष, उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय जलगांव एवं श्री रवीन्द्र प्रभात, संयोजक- अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन।)
 



अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में 'परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान' से सम्मानित होतीं राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी).



आकांक्षा यादव @ शब्द-शिखर : http://shabdshikhar.blogspot.in/
https://www.facebook.com/AkankshaYadav1982

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