नारी सशक्तिकरण के लिए महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण बहुत जरूरी है। जब तक नारी अपने पैरों पर खड़ी होकर आर्थिक रूप से स्वावलम्बी नहीं होगी, समाज की मानसिकता जस की तस रहेगी। आज के दौर में तमाम महिलाएँ देश-दुनिया में कारपोरेट जगत, बैंकिंग जगत से लेकर विभिन्न आर्थिक समृद्धि वाले क्षेत्रों में न सिर्फ बखूबी कार्य कर रही हैं, बल्कि सफलता की नई इबारत भी लिख रही हैं। इसी क्रम में रिलायंस फाउंडेशन की प्रमुख नीता अंबनी को फोर्ब्स ने एशियाई की सबसे शक्तिशाली महिला कारोबारी करार दिया है जो इस क्षेत्र की 50 प्रमुख उद्यमियों की सूची में शीर्ष पर हैं। इस सूची में आठ भारतीय महिलाओं ने स्थान बनाया है।
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरुंधती भटेटाचार्य को 2016 की एशिया की 50 शक्तिशाली महिला कारोबारी की सूची में दूसरा स्थान दिया गया है, जिसमें चीन, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, वियतनाम, थाइलैंड, हांगकांग, जापान, सिंगापुर, फिलिपीन और न्यूजीलैंड की प्रभावशाली महिलाएं शामिल हैं।
अंबानी और भट्टाचार्य के अलावा भारत की छह महिलाओं ने इसमें स्थान बनाया है जिनमें एमयू सिग्मा की मुख्य कार्यकारी अंबिगा धीरज (14), वेलस्पन इंडिया की मुख्य कार्यकारी दिपाली गोयनका (16), ल्यूपिन की मुख्य कार्यकारी विनीता गुप्ता (18), आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर (22), वीएलसीसी हेल्थकेयर की संस्थापक एवं उपाध्यक्ष वंदना लूथरा (25) और बायोकॉन की संस्थापक और चेयरमैन एवं प्रबंधन निदेशक किरण मजूमदार शॉ (28) शामिल हैं।
फोर्ब्स ने कहा, इस सूची में स्वीकार किया गया है कि कारोबारी दुनिया में महिलाएं अपनी जगह बना रही हैं लेकिन स्त्री-पुरुष असमानता बरकरार है। महिलाएं यह समझने की बेहतर स्थिति में हैं कि उन्हें नेतृत्व की स्थिति में आने और वहां बने रहने के लिए क्या करना होगा।
फोर्ब्स ने 52 वर्षीय नीता को भारतीय उद्योग जगत की प्रथम महिला करार देते हुए कहा कि वह राजगद्दी की सबसे करीबी ताकत है और उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज में अपनी बढ़ती हैसियत के कारण इस सूची में पहली बार स्थान बनाया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख उनके पति और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी हैं।
-आकांक्षा यादव @ शब्द-शिखर
Akanksha Yadav : http://shabdshikhar.blogspot.in/
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